| ‘सुगम’ से रिटर्न भरना सुविधाजनक (ITR 4S - SUGAM, ITR4 ) |
ऐसे करदाता जिनकी आमदनी व्यापार या सकल प्राप्तियों से हैं और वह प्रकल्पित आधार पर कराधान प्रणाली अपनाने को इच्छुक हैं, उन्हें अब फार्म संख्या ‘4एस- सुगम’ के जरिये वित्त वर्ष 2010-11 के लिए आकलन वर्ष 2011-12 में रिटर्न भरना होगा। ऐसे व्यक्तिगत या हिंदू अविभाजित परिवार के करदाता जिनके आय का स्रोत व्यापार है और उसकी गणना आयकर कानून के विशेष प्रावधान सेक्शन 44एडी और सेक्शन 44एई के जरिये होती है, वह नए रिटर्न फार्म 4एस- सुगम का इस्तेमाल कर सकते हैं। सेक्शन 44एडी में ऐसे करदाता जिनके बिजनेस का सालाना टर्नओवर 60 लाख से अधिक नहीं है, वह प्रकल्पित आधार पर अपने कुल आय की गणना बिजनेस से होने वाली आय से कर सकते हैं। यह आय व्यापार के सालाना टर्नओवर या सकल प्राप्तियों का आठ फीसदी के बराबर होती है। इस तरह, अविभाजित या हिंदू विभाजित परिवार, जिनका छोटा व्यवसाय है, उक्त प्रावधानों का लाभ ले सकते हैं। इसी तरह, आयकर कानून के अनुच्छेद 44एई के अनुसार, उन करदाताओं के आय की गणना की जाती है, जिनका व्यापार लीज पर या हायर कर गाड़ी के जरिये सामान ढुलाई से जुड़ा है। उस व्यक्ति के पास ढुलाई वाले सामानों की संख्या भी 10 से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे करदाता के लाभ की गणना प्रत्येक भारी माल वाहन पर 5,000 रुपये प्रति माह या अन्य दूसरी माल गाड़ियों पर 4,500 रुपये प्रति माह की दर से की जाती है। नए रिटर्न फार्म सुगम के कुछ विशेषताएं हैं। जैसे, पिछले साल आईटीआर 4 का इस्तेमाल व्यापार या पेशे से जुड़े सभी व्यक्तिगत और एचयूएफ के करदाताओं ने किया। जबकि इस साल आईटीआर 4एस का इस्तेमाल बिजनेस से जुड़े केवल ऐसे व्यक्तिगत और एचयूएफ कर सकते हैं, जिनके आय की गणना सेक्शन 44एडी और 44 एई के तहत की गई है। ऐसे व्यक्ति जिन्हें पूंजीगत लाभ से आय हुई है, वह नए रिटर्न फार्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। नए फार्म में बैंक अकाउंट डिटेल देना अनिवार्य है। ‘4एस- सुगम’ फार्म में लाल और काली स्याही का इस्तेमाल किया गया है। ब्लैक एंड व्हाइट फार्म इस्तेमाल नहीं किए जा सकते। कलर्ड प्रिंट या इसी रंग और मानक के अनुसार छपे बाजार में उपलब्ध फार्म का इस्तेमाल किया जा सकता है। |
Source : http://www.amarujala.com |